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पति पत्नी को इन दिनों में भूलकर भी नहीं बनाने चाहिए संबंध, अन्यथा.... जानिए

Sep 26 2019

Posted By:  Sunny

समाज में जब एक मर्द और औरत पुरे रीती रिवाजो के साथ एक दूसरे को अपना बनाते हैं तो समाज में उन्हें पति पत्नी का दर्जा दिया जाता है | स्त्री और पुरुष को समाज के दो स्तम्भ माना जाता है, इन दोनों को एक दूसरे का पूरक कहा गया है, इन दोनों में से किसी एक के बिना भी समाज की कल्पना नामुमकिन है | ऐसे में जब इनका विवाह होता है तो समाज में अपने परिवार को आगे बढ़ने के लिए इन्हे संबंध बनाने की भी आवश्यकता भी पड़ती है | विवाह के उपरांत स्त्री पुरुष के संगम को बहुत ही पवित्र माना गया है लेकिन इसके साथ ही धार्मिक शास्त्रों में इससे जुडी कुछ अन्य बातो के बारे में भी बताया गया है जिसके अनुसार कुछ ऐसी तिथियों और अवसरों के बारे में वर्णन किया गया है जिनमे एक स्त्री और पुरुष को एक दूसरे से दूर रहना चाहिए अर्थात संबंध नहीं बनाने चाहिए | ब्रह्मवैवर्त पुराण में इन सभी तिथिओ का वर्णन किया गया है जिसके अनुसार इन तिथियों पर संबंध बनाना बहुत ही हानिकारक सिद्ध हो सकता है |

नवरात्र




नवरात्र हिन्दुओ के लिए बहुत ही पावन पर्व है, पुरे देश में इस त्यौहार को धूम धाम से मनाया जाता है, नवरात्र में लोग माता का पूजन पुरे विधि और विधान से करते है और कई लोग पुरे 9 दिनों तक उपवास भी करते है, ऐसे में इन 9 दिनों तक स्त्री पुरुष का करीब आना वर्जित माना गया है |

अमावस्या और पूर्णिमा


अमावस्या और पूर्णिमा के दिन पति पत्नी का संबंध बनाना उनके रिश्तो पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है ऐसा कहा जाता है कि इन अवसरों पर नकारात्मक शक्तियाँ बहुत ही प्रभावी अवस्था में होती है और इसका असर पति पत्नी के रिश्तो पर पड़ता है |

संक्रांति


संक्रांति पर भी पति पत्नी का करीब आना सही नहीं है, संक्रांति के अवसर पर पति पत्नी के बीच संबंध स्थापित करना अशुभ माना गया है और अगर ऐसा होता है तो उनपर दुष्प्रभाव पड़ता है, इसीलिए ऐसी स्थिति में संबंध बनाने से बचे |

चतुर्थी और अष्टमी 


शास्त्रों में माह की चतुर्थी और अष्टमी के अवसरों पर पति पत्नी को एक दूसरे से दूरी रखनी चाहिए और इसके अलावा रविवार के दिन को  भी इन सभी चीजों के सही नहीं माना गया है |

श्राद्ध




श्राद्ध में हम अपने पूर्वजो और पित्तरो की पूजा अर्चना करते है, उनकी आत्मा की शांति के लिए हवन आदि करते है, और उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते है | ऐसे में श्राद्ध के 15 दिनों तक एक दूसरे से संबंध बनाना बहुत ही गलत माना गया है क्योंकि इस मौके पर हमारे तन और मन दोनों का शुद्ध होना आवश्यक है | इस दौरान मन में ऐसे ख्याल भी नहीं लाने चाहिए |

व्रत 


शास्त्रों में बताया गया है कि किसी भी भगवान का व्रत करते समय मन पूरी तरह शुद्ध होना चाहिए, भगवान की पूजा अर्चना के समय तन, मन की शुद्धता का बहुत महत्व है, व्रत के दिन पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और अपने साथी से संबंध बनाने से बचना चाहिए |
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